17 वीं शताब्दी के दौरान भारत विदेशी व्यापार का एक ऐसा आकर्षण केंद्र बन गया था कि हर विदेशी राष्ट्र व्यापार के माध्यम से उस पर अपना आधिपत्य जमाना चाहता था क्योंकि
भारत औद्योगिक माल के उत्पादन में एक अग्रणी राष्ट्र था।
यहां का उच्च कोटि का सूती एवं रेशमी कपड़ा ,मसाले, नील, शक्कर, औषधियां एवं बहुमूल्य रत्न किसी भी राष्ट्र को लालायित करने के लिए काफी थे।
भारत में निम्नलिखित यूरोपीय शक्तियां अपने हित साधने हेतु आई थी ।
पुर्तगाल – 1498
डच – 1596
अंग्रेज – 1600
डेनिश – 1616
फ्रांसीसी – 1664
पुर्तगाली
- 1492 ई. में स्पेनवासी कोलम्बस भारत की खोज के लिए निकला लेकिन उसने अमेरिका की खोज कर डाली।
- 1487 ई . में बारथोलोमियोडियाज ने आशा /उत्तरमाशा अंतरीप की खोज की।
- प्रथम पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा था जिसने भारत की खोज 1498 ईस्वी में की थी ।
- अब्दुल मलिक नामक गुजराती व्यक्ति उसका मार्गदर्शक था ।
- वास्कोडिगामा पश्चिमी तट के कालीकट बंदरगाह पर आया था ।
- कालीकट के जमोरिन ने वास्कोडिगामा का स्वागत किया ।
- वास्कोडिगामा को भारत के साथ व्यापार में 60 गुना फायदा हुआ था ।
- 1502 ईस्वी में वास्कोडिगामा दूसरी बार भारत आया था ।
- 1503 ईस्वी में पुर्तगालियों ने कोचीन में प्रथम फैक्ट्री की स्थापना की ।
- 1524 में वास्कोडिगामा की भारत में ही मृत्यु हो गई ।
- 1534 ईस्वी में बसीन द्वीप व 1556 ईस्वी में श्रीलंका में व्यापारिक अधिकार स्थापित किया ।
- 1639 ईस्वी में मराठों द्वारा पुर्तगालियों से सालसेट व बेसिन द्वीप छीन लिए गए ।
- पेड्रो अल्वारेज क्रेबाल दूसरा पुर्तगाली यात्री था जो 1500 ईस्वी में भारत आया ।
- पुर्तगालियों का प्रथम गवर्नर फ्रांसिस्को डी अल्मोड़ा था जो भारत में 1505 से 1509 तक रहा ।
- अल्फांसो डी अल्बुकर्क पुर्तगालियों द्वितीय गवर्नर था जो 1509 से 1515 तक भारत रहा ।
- अल्फांसो डी अल्बुकर्क पुर्तगालियों का भारत में वास्तविक संस्थापक था।
- 1510 में अल्बूकर्क ने कृष्णदेव राय के कहने पर बीजापुर के राजा युसूफ आदिलशाह से गोवा छीन लिया था ।
- 1530 में नीनो डी कुन्हा ने कोचीन से अपनी राजधानी गोवा में विस्थापित कर ली थी तथा 1961 तक गोवा पर पुर्तगालियों का शासन रहा ।
- पुर्तगाली भारत में स्थाई नहीं हो पाए थे।
पुर्तगालियों के भारत मे स्थायी नही होने के कारण
- मुसलमानों के साथ कट्टरता ।
- पुर्तगालियों ने अपना ध्यान दक्षिणी अमेरिका पर लगा दिया था क्योंकि उन्हें ब्राजील में सोने की खाने मिल गई थी ।
- अरब व्यापारियों ने पुर्तगालियों का विरोध किया था ।
- पुर्तगालियों की धार्मिक असहिष्णुता की नीति थी ।
- जबरन धर्मांतरण करवाते थे।
- अल्बुकर्क ने पुर्तगालियों को भारतीय महिलाओं के साथ शादी करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
डच
- कार्नेलियन डे हस्तमान पहला डच यात्री था जो 1596 ईस्वी में भारत आया।
- 1602 ईस्वी में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।
- 1605 ईस्वी में मसूलीपट्टनम (पूर्वी तट पर )पहली फैक्ट्री की स्थापना की ।
- 1653 ईस्वी में चिनसुरा (बंगाल ) में फैक्ट्री शुरू की ।
- इस फैक्ट्री को गुस्तावास फोर्ट कहा जाता था ।
- 1759 ईस्वी में अंग्रेजों ने वेदरा के युद्ध में डचों को हरा दिया था ।
- इसके बाद डचों ने इंडोनेशिया पर अपना ध्यान केंद्रित किया तथा मसालों का व्यापार करते थे ।
- वेदरा के युद्ध में अंग्रेजों का सेनापति रॉबर्ट क्लाइव था ।
अंग्रेज
- जॉन मिडेनहोल प्रथम अंग्रेज यात्री जो 1599 ईस्वी में भारत आया।
- 31दिसंबर 1600 ईस्वी को अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना की गई ।
- एक निजी कंपनी थी ।
- इसमें 217 शेयर होल्डर्स थे ।
- महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने कंपनी को भारत में व्यापार के लिए 15 वर्षों का एकाधिकार दिया ।
- कालांतर में इसे 20 – 20 वर्षो के लिए आगे बढ़ाया ।
- 1608 ईस्वी में इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम का राजदूत कैप्टन हॉकिंस मुगल बादशाह जहांगीर के दरबार में आया ।
- यह फारसी भाषा का जानकार था ।
- मुगल बादशाह जहाँगीर ने इसे 400 का मनसब दिया था, लेकिन वह व्यापारिक रियासते प्राप्त नहीं कर सका।
- 1615 ईस्वी में सर टॉमस रो भारत आया (द्वितीय अंग्रेज राजदूत)
- 10 जनवरी 1616 को अजमेर में जहांगीर से मुलाकात की तथा व्यापारिक रियासतें प्राप्त करने में सफल रहा।
- 1608 ईस्वी में सूरत में प्रथम फैक्ट्री की स्थापना की इसके संस्थापक हेनरी मिडलटन था।
- 1611 ईस्वी में मसूलीपट्टनम में फैक्ट्री की स्थापना की (पूर्वी तट पर प्रथम अंग्रेजी फैक्ट्री)
- 1632 ईस्वी में गोलकुंडा के सुल्तान ने 500 पैगोडा के बदले सुनहरा फरमान दिया ।
- 1633 ईस्वी में हरिहर में फैक्ट्री की स्थापना की ।
- अंग्रेजों ने चंद्रगिरी के राजा से चैने नामक गाँव खरीदा तथा यहां पर 1639 में मद्रास की स्थापना की।
- यहां पर सेंट जॉर्ज नामक किला बनाया गया।
- मद्रास का संस्थापक फ्रांसिस डे था
डेनिश
- डेनमार्क ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1616 ईस्वी में हुई ।
- इस कंपनी ने 1620 में त्रैकोंवार (तमिलनाडु) तथा 1667 ईस्वी में सेरामपुर (बंगाल) में अपनी व्यापारिक कंपनियां स्थापित की ।
- सेरामपुर डचों का प्रमुख केंद्र था ।
- 1854 ईस्वी में डचों ने अपनी वाणिज्यिक कंपनी अंग्रेजों को बेच दी ।
फ्रांसीसी
- 1664 ईस्वी में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना की गई।
- यह कंपनी राजा लुई 14 के वित्त मंत्री कोल्बर्ट ने बनाई थी।
- यह कंपनी एक सरकारी कंपनी थी ।
- 1668 ईस्वी में सूरत में पहली फैक्ट्री की स्थापना की , इसके संस्थापक फ्रेंको कैरो थे ।
- 1669 ईस्वी में मसूलीपट्टनम में फैक्ट्री की स्थापना की ।
- 1673 ईस्वी में पांडुचेरी गांव खरीदा तथा यहां पर पांडिचेरी की स्थापना की ।
- 1674 ईस्वी में बंगाल में चंद्र नगर नामक गांव खरीदा , यहां पर 1690 – 92 के दौरान फैक्ट्री की स्थापना की।