युग्म शब्द (हिंदी व्याकरण)
अकथ : कुछ कहा न जा सके | अथक : जो थके नहीं |
अकुल : बिना कुल के | आकुल : व्याकुल |
अकूत : बिना अंदाज | आकूत: अभिप्राय |
अग : सर्प/पर्वत | अघ : पाप |
अगम: जहाँ जाना संभव नहीं | आगम : शास्त्र/आना |
अचल : पर्वत | अचला : पृथ्वी |
अर्चन : पूजा | अर्जन : संग्रह |
अजर : आँगन | अजिर : आँगन |
अतल : गहरा | अतुल : तुलना न हो |
अद्य : आज | आद्य : पहला |
अतीत : बीता हुआ | अतीव : बहुत ज्यादा |
अनल : आग | अनिल : हवा |
अनुग : अनुयायी | अनुज : छोटा भाई |
अन्तर्देशीय : देश के भीतर | अन्तरदेशीय : देशों के बीच |
अनमिज्ञ : अनजान | अभिज्ञ : जानकार |
अनु : पीछे | अणु : कण |
अपकार : बुराई | उपकार : भलाई |
अनिष्ट : बुरा | अनिष्ठ : निष्ठाहीन |
अभिनय : नाटक खेलना | अभिनव : नया |
अपमान : निरादर | उपमान : जिससे उपमा दी जाय। |
अपेक्षा : आशा/तुलना | उपेक्षा : अवहेलना |
अभिराम : सुन्दर | अविराम : लगातार |
अभिज्ञ : जानकार | अविज्ञ : मूर्ख |
अभय : निडर | उभय : दोनों |
अमूल : बिना जड़ का | अमूल्य : अनमोल |
अरि : दुश्मन | अरी : सम्बोधन |
अवलम्ब : सहारा | अविलम्ब : शीघ्र |
अवगत : ज्ञात | अविगत : अव्यक्त/ दूर |
अविहित : विधि विरूद्ध | अभिहित : कथित/उक्त |
अवदान : प्रशंसित कार्य | अवधान : योग/ध्यान |
अवधि : समय | अवधी : भाषा विशेष |
अव्यय : जो खर्च न हो | अवयव : अंग/भाग |
अवशेष : बाकी | अविशेष : सामान्य |
अवमर्श : स्पर्श/सम्पर्क | अवमर्ष : आलोचना |
अलि : भ्रमर | आली : सम्बोधन |
अलक : बाल | अलिक : ललाट |
अलिक : ललाट | अलीक : झूठा |
अलोक : अदृश्य | आलोक : प्रकाश |
अश्व : घोड़ा | अस्व : पराया |
अश्व : घोड़ा | अश्म : जीवाश्म |
अशीलता : उद्दण्डता | असिलताः तलवार |
अशर : बिना बाण | असर : प्रभाव |
अशक्त : निर्बल | असक्त : उदासीन |
अस्त : छिपना | अस्तु : अच्छा |
असक्त : उदासीन | आसक्त : मोहित |
असाध : कठिन | असाधु : दुष्ट |
अस्ति : है | अस्थि : हड्डी |
अह : दिन | अहि : सर्प |
अक्ष : धुरी | अक्षि : आँख |
अंश : हिस्सा | अंस : कंधा |
अंगना : स्त्री | आँगन : आँगन |
अदृश्य : जो दिखाई न दे | अदृष्ट : भाग्य |
अभिसार : छिपकर मिलना | अभीसार : आक्रमण |
अयश : बदनामी | अयस : लोहा |
अभिनन्दन : स्वागत | अभिवादनः नमस्कार |
आदि : प्रारम्भिक | आदी : आदत वाला |
आधि : मानसिक कष्ट | व्याधि : शारीरिक कष्ट |
आकर : खान | आकार : बनावट/रूप |
आपाद : पैर तक | आपात् : आकस्मिक |
आभरण : आभूषण | आवरण : पर्दा |
आभरण : आभूषण | आमरण : मृत्युपर्यन्त |
आयत : आकृति विशेष | आयात : बाहर से मँगाना |
आय : आमदनी | आयु : उम्र |
आयास : श्रम | आवास : घर |
आरति : विराम | आरती : पूजा |
आरि : जिद्द | आरी : काटने का औजार |
आहुत : हवन सामग्री | आहूत : बुलाया हुआ |
आवृत : ढका हुआ | आवृत्ति : दोहराना |
आस्तिक : ईश्वर को मानने वाला | आस्तीक : ऋषि विशेष |
इति : समाप्ति | ईति : दैविक आपदा |
इतर : अन्य/भिन्न | इत्र : सुगन्धित पदार्थ |
उक्ति : कथन | युक्ति : दलील |
उदात्त : उच्च | उदार : दानी |
उत्पल : कमल | उपल : पत्थर/ओले |
उद्वेक : वृद्धि | उद्वेग : चिन्ता |
उधार : ऋण | उद्धार : मोक्ष |
उद्यम : श्रम | ऊधम : शरारत |
उपयुक्त : उचित | उपर्युक्त : ऊपर कहा हुआ |
उपादान : सामग्री | उपधान : तकिया |
उद्धरण : उतारना | उदाहरण: दृष्टान्त |
उर : हृदय | ऊरू : जाँघ |
ओटना : बिनौले अलग करना | औटाना : खौलना |
ओट : आड़ | ओठ : होंठ |
ओर : तरफ | और : दूसरा |
कच : बाल | कुच : स्तन |
कटक : सेना | कंटक : काँटा |
कटिबन्ध : कमर का आभूषण | कटिबद्ध : तैयार |
कपट : छल | कपाट : द्वार |
कर्ण : कान | करण: साधन |
कथा : कहानी | कंथा : गुदड़ी |
कर्म : काम | क्रम : सिलसिला |
कलि : कलयुग | कली : कलिका |
कलुष : पाप | कुलिश : वज्र |
कलश : घट | कलुष : पाप |
कान : कर्ण | कानि : मर्यादा |
काय : शरीर | निकाय : समूह/राशि |
कान्ति : चमक | क्रान्ति : परिवर्तन |
कुल : वंश/सब | कूल : किनारा |
कुण्डल : कान का आभूषण | कुन्तल : बाल |
केत : घर | केतु : ध्वज |
कुच : स्तन | कूच : प्रस्थान |
कोसल : अवध | कौशल : निपुणता |
कोर : किनारा | कौर : ग्रास |
कंगाल : गरीब | कंकाल : अस्थि -पंजर |
कृत : किया हुआ | कृत्य : कार्य |
कृपण : कंजूस | कृपाण : तलवार |
कृतज्ञ : उपकार मानना | कृतघ्न : उपकार न मानना |
खाद्य : खाने योग्य | खाद : उर्वरक |
गण : समूह | गण्य : गिने जाने योग्य |
गदा : अस्त्र | गधा : गर्दभ |
गत : बीता हुआ | गति : चाल |
गर्त : गड्डा | गर्द : धूल |
गर्व : अभिमान | गर्भ : आन्तरिक भाग |
ग्रह : नक्षत्र | गृह : घर |
ग्रंथि : गाँठ | ग्रन्थी : गुरुग्रंथ पढ़ने वाला |
गुरु : शिक्षक | गुर : उपाय |
गेय : गाने योग्य | ज्ञेय : जानने योग्य |
घट : घड़ा | घाट : किनारा |
घन : बादल | घण : हथौड़ा |
चतुष्पद : चौपाया | चतुष्पथ: चौराहा |
चपल : चंचल | चपला : बिजली |
चर्म : चमड़ा | चरम : अन्तिम |
चिर : सदैव | चीर : वस्त्र |
चिन्ता : सोच | चिता : मृतक दाहाग्नि |
चरित : जीवनी | चरित्र : आचरण |
छात्र : विद्यार्थी | क्षात्र : क्षत्रिय संबंधी |
जगत् : संसार | जगत : कुएँ की मुण्डेर |
तर्क : बहस/युक्ति | तक्र : छाछ |
तरणि : सूर्य | तरणी : नाव |
तरंग : लहर | तुरंग : घोड़ा |
दशा : हालात | दिशा : तरफ |
दिन : दिवस | दीन : गरीब/असहाय |
दिवा : दिन | दीवा : दीपक |
दुति : चमक | दूती : संदेशवाहिका |
दूत : संदेशवाहक | द्यूत : जुआ |
देव : देवता | दैव : भाग्य |
धरा : पृथ्वी | धारा : नदी/प्रवाह |
धनु : धनुष | धेनु : गाय |
नाक : स्वर्ग/नासिका | नाग : हाथी/सर्प |
निर्जर : देवता | निर्झर : झरना |
निधन : मृत्यु | निर्धन : गरीब |
निन्दा : बुराई | निद्रा : नींद |
निदेश : आज्ञा | निर्देश : निरूपण/दिशा निर्देश |
निर्माण : रचना | निर्वाण : मोक्ष |
नियन्त्रण : बन्धन | निमन्त्रण : न्यौता |
निश्छल : छल रहित | निश्चल : अचल |
नीर : पानी | नीड़ : घोंसला |
परिणत : रूपान्तर | परिणीत : विवाहित |
परवाह : चिन्ता | प्रवाह : बहाव |
पहर : समय | प्रहार : चोट |
परिधान : वस्त्र | प्रधान : मुख्य |
परिवर्तन : रूपान्तर | प्रवर्तन : संचालन/प्रारम्भ |
परिताप : दुःख | प्रताप : पराक्रम |
परुष : कठोर | पुरुष : व्यक्ति |
परिणाम : फल | परिमाण : नाप तोल |
पर्यंक : पलंग | पर्यन्त : सीमा तक |
प्रमाण : सबूत | प्रणाम : नमस्कार |
प्रसाद : कृपा/भोग | प्रासाद : राजमहल |
प्रवाद : जनश्रुति | प्रमाद : भूलचूक/आलस्य |
प्रकार : ढंग/भेद | प्राकार : परकोटा |
प्रथा : रीति | पृथा : कुन्ती |
प्रेषक : भेजने वाला | प्रेक्षक : देखने वाला |
प्रभाव : असर | प्रवाह : बहाव |
प्रतीप : विपरीत | प्रदीप : दीपक |
प्रश्न : सवाल | प्रसन्न : खुश |
पुष्कर : जलाशय/तीर्थराज | पुष्कल : अत्यधिक |
पानी : जल | पाणि : हाथ |
पायस : खीर | पावस : वर्षा |
पेय : पीने योग्य | प्रेय : प्रिय |
पंक : कीचड़ | पंख : पर |
बदन : शरीर | वदन : मुँह |
बलि : भेंट | बली : बलवान |
बान : आदत | बाण: तीर |
बहु : बहुत | बहू : वधू |
बेल : लता | बैल : वृषभ |
बात : बातचीत | वात : वायु |
बेर : एक प्रकार का फल | बैर : दुश्मनी |
भवन : घर | भुवन : लोक/संसार |
मन्थर : धीमे | मन्थरा : दासी विशेष |
मल : मैल | मल्ल : पहलवान |
मात्र : केवल | मातृ : माता |
रंक : गरीब | रंग : वर्ण |
लता : बेल | लत्ता : कपड़ा |
लक्ष : लाख | लक्ष्य : उद्देश्य |
वर्ण : रंग | व्रण : घाव |
वरण : चुनना | वारण : हाथी |
वसन : वस्त्र | व्यसन : बुरी आदत |
वसुदेव : कृष्ण के पिता | वासुदेव : कृष्ण |
विधा : गद्य/पद्य का प्रकार | विद्या : ज्ञान |
विचक्षण : ज्ञाता, निपुण | विलक्षण : अनोखा |
विवरण : ब्यौरा | विवर्ण : रंगहीन |
वितरण : बाँटना | विवरण : ब्यौरा |
विरूद : यश | विरूद्ध : खिलाफ |
विषमय : जहरीला | विस्मय : आश्चर्य |
व्यजन : पंखा | व्यंजन : पकवान/वर्ण |
व्याज : बहाना | ब्याज : सूद |
वृत : घेरा | व्रत : उपवास |
शर : बाण पवित्र | सर : तालाब |
शस्त्र : हथियार | शास्त्र : धार्मिक ग्रंथ |
शम : शांति | सम : बराबर |
शुचि : पवित्र | शची : इन्द्राणी |
शूर : वीर | सूर : सूर्य, अंधा |
शुल्क : फीस | शुक्ल : श्वेत |
शंकर : शिव | संकर : मिश्रण |
श्वेत : सफेद | स्वेद : पसीना |
श्वजन : कुत्ता | स्वजन : परिजन/अपना |
श्रमण : भिक्षु | श्रवण : सुनना/कान |
शप्त : शाप दिया हुआ | सप्त : सात |
शती : सौ वर्ष | सती : पतिव्रता स्त्री |
सदेह : सशरीर | संदेह : शंका |
समान : बराबर | सम्मान : इज्जत |
सर्वदा : हमेशा | सर्वथा : बिलकुल |
सिल : पत्थर | सील: मुहर |
सिता : मिश्री | सीता : जानकी |
सुत : पुत्र | सूत : धागा/सारथी |
स्वगत : अपना कथन | स्वागत : आदर |
सुधा : अमृत | क्षुधा : भूख |
हर : महादेव | हरि : विष्णु |
हरि : विष्णु | हरी : हरे रंग की |
ह्रास : हानि | हास : हँसी |
क्षिति : पृथ्वी | क्षति : हानि |
हेम : स्वर्ण | होम : यज्ञ |
हंस : मराल (एक पक्षी विशेष) | हँस : हँसना |