बीकानेर के राठौड़ वंश (History of Bikaner )

बीकानेर के राठौड़ वंश (History of Bikaner)

राव बीका

❖बीका ने अपने काका कांधल व छोटे भाई बीदा की सहायता से 1465 में बीकानेर क्षेत्र जीत लिया ।करणी माता(बीकानेर के राठोड़ो की ईष्ट देवी) के आशीर्वाद से ।
❖ 1488 में बीकानेर शहर की स्थापना की (स्थापना – आखातीज के दिन हुई )
❖ आखातीज पर बीकानेर में पतंगे उड़ाई जाती है ।
❖ कोडमदेसर में भेरूजी का मंदिर बनवाया ।

❖ लूणकरण :- बीहू सूजा ने लुणकरण को कलयुग का कर्ण कहा । लूणकरणसर झील का निर्माण ।

❖ जैतसी :- रातिघाटी का युद्घ – 1. 1534 ई. इस युद्ध से पहले कामरान ने भटनेर पर अधिकार
2. जैतसी v/s कामरान ( हुमायूँ का भाई ) जैतसी विजय
3. युद्ध की जानकारी – बीहू सूजा द्वारा रचित ( राव जैतसी रो छंद )

❖ कन्या महल :- शनिवार को मारवाड़ी में व्यावर कहा जाता है ।

❖ रायसिंह :-

1. यह अकबर(पहले 4000 बाद में 5000 व जहांगीर का मनसबदार था ।
2. 1577 में अकबर ने इस 51 परगने दिए ।
3. खुसरो के विद्रोह के समय जहांगीर ने आगरा की जिम्मेदारी रायसिंह को दी।
4. बीकानेर में जूनागढ़ दुर्ग (1589 – 94 तक) का निर्माण करवाया ।कर्म चंद को देख रेख में ।

❖ दरबारी विद्वान :-

1. जस्ता :- रायसिंह प्रशस्ति (जूनागढ़ दुर्ग में )
2. जयसोम :- कर्मचंद शोलकीर्णकमकात्यम ।(इस पुस्तक में रायसिंह को राजेन्द्र कहा है।

❖ रायसिंह की पुस्तके :-

1. रायसिंह महोत्सव
2. वैद्यक वंशावली
3. ज्योतिष रत्नमाला
4. बाल बोधिनी – ज्योतिष ग्रन्थों पर टीका

❖ मुंशी देवी प्रसाद ने रायसिंह को राजपूताने का कर्ण कहा है ।

पृथ्वीराज राठौड़

❖ रायसिंह का छोटा भाई
❖ यह अकबर का दरबारी लेखक था ।
❖ अकबर ने इस गागरोन का किला दिया ।
❖ पुस्तक :- बेली क्रिसन रुक्मणि री ।(भाषा – डिंगल / उतरी राजस्थानी ,दुरसा आढा ने 5वां वेद व 19 वां पुराण बताया ।
❖जेम्स टॉड ने पुस्तक मे 10000 घोड़ो का वजन  बताया ।

❖ एल. पी. टेसीटोरी (इटली के उदीने शहर का निवासी ) ने पृथ्वीराज राठौड़ को डिंगल का होरेस कहा ।

कर्ण सिंह

❖ उपाधि – जांगल घर बादशाह
❖ पुस्तक – साहित्य कल्प द्रुम

❖ दरबारी विद्वान :-

1. गंगाधर मैथिल :- कर्ण भूषण, काव्य डाकिनी
2. मतीरे की रॉड:- युद्ध

अनूपसिंह 

❖ उपाधि – माही भराटिव (ओरंगजेब ने दक्षिण भारत जीतने पर )
❖ कुम्भा के संगीत ग्रंथों का संकलन करवाया ।
❖ दक्षिण भारत से हिन्दू देवी देवताओं की मुर्तिया लेकर आया ।
❖ बीकानेर में33 करोड़ देवी देवताओं का मंदिर बनवाया ।
❖इसमें हेरव गणपति की मूर्ति है ।
❖शेर पर सवारी की मूर्ति गणेशजी की है ।
❖ बीकानेर में अनुप पुस्तकालय बनवाया ।
❖ विभिन्न संस्कृत पुस्तको का राजस्थानी में अनुवाद करवाया ।

 अनूप सिंह की पुस्तके :-

1. अनुपविवेक
2. काम प्रबोध
3. श्राद्ध प्रयोग चिंतामणि
4. अनुपादय- जयदेव की गीत गोविंद पर टीका।

❖ इसके समय बीकानेर में उस्ता कला(मुख्य कलाकार:- अलीरजा,रुकनुद्दीन इन्हें लाहौर से लाया गया) प्रचलित हुई ।

❖ दरबारी विद्वान :-

1. भावभट्ट :- संगीत अनूप अंकुश
2. अनूप संगीत विलास
3. अनूप संगीत रत्नाकर

सूरतसिंह

❖ 1805 में भटनेर पर अधिकार कर लिया तथा नाम बदलकर हनुमानगढ़(मंगलवार के दिन) कर दिया ।
❖ 1814 में चुरू पर अधिकार कर लिया । इस समय चुरू के किले से चांदी के गोले दागे गये। इस समय चुरू का साभन्त स्योजी सिंह था ।
❖ सूरत सिंह ने 1818 में अंग्रेजों से संधि कर ली ।

रतनसिंह

❖ 1839 में गया में कन्या वध पर रोक लगाता है ।

❖ दरबारी विद्वान :-

1. दयालदास – बीकानेर रा राठोड़ो री ख्यात (यह राज. की अंतिम ख्यात है ।
2. बीकानेर रा राठोड़ो री ख्यात के दो भाग – प्रथम :- जोधपुर के राठोड़ो का इतिहास (जोधा तक) ,द्वितीय- बीकानेर के राठौड़ का वर्णन(बीका से सरदारसिंह तक)

गंगासिंह

❖ 1899 में चीन में बॉक्सर विद्रोह को दबाया । इसलिये अंग्रेजों ने केसर ए हिन्द उपाधि दी ।
❖ 1912 में बीकानेर में प्रजा प्रतिनिधि सभा (राज.में पहली बार जनता को प्रतिनिधित्व।) बनाई ।
❖ 1916 में बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के निर्माण के लिये मदन मोहन मालवीय को सर्वाधिक आर्थिक सहायता दी।
पेरिस शांति सम्मेलन1919 में भाग लेने वाले भारत से एकमात्र व्यक्ति।
❖ भारत को राष्ट्र संघ में शामिल कराने में महत्वपूर्ण योगदान।
❖ 1921 में गवर्नर जनरल चेन्स फोर्ड ने चेम्बर ऑफ प्रिसेंज (नरेंद्र) की स्थापना की । इसका प्रथम चासंलर गंगासिंह को बनाया गया।
❖ 1927 में गंगनहर (इंजीनियर – कंवर सेन) की स्थापना
❖ गंगासिंह को राज.का भागीरथ कहा जाता हैं।
❖ गंगासिंह ने तीनों गोलमेज (1930,1931,1932 ) सम्मेलन में भाग लिया था।
❖ देशनोक (बीकानेर) , रामदेवरा(जैसलमेर) , गंगामेडी (हनुमानगढ़ ) :- वर्तमान स्वरूप गंगा सिंह द्वारा ।
❖ गंगा सिंह की ऊँटो की सेना गंगा रिसाला ने प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया ।

❖ स्वरूप सिंह ने मेवाड़ के सिक्कों पर दोस्ती लंदन लिखवाया |
❖ अपने सिक्को पर सिक्टोरिया एम्प्रेस लिखवाया|

सार्दुल सिंह

❖ आजादी के समय बीकानेर का राजा |
❖ सबसे पहले संविधान सभा मे भाग लिया |
❖ सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल – बीकानेर में |

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