RPSC ASSISTANT PROFESSOR SYLLABUS HINDI SUBJECT
राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर प्रतियोगी परीक्षा का पाठ्यक्रम
प्रथम प्रश्न-पत्र
इकाई-1 – हिन्दी भाषा तथा व्याकरण
- हिन्दी भाषा का उद्भव एवं विकास,
- हिन्दी भाषा की प्रमुख बोलियाँ- राजस्थानी, ब्रज, खड़ी बोली, अवधी, भोजपुरी ।
- राजस्थानी भाषा का प्राचीन स्वरूप डिंगल;
- राजस्थानी की प्रमुख बोलियाँ, मारवाड़ी, शेखावाटी, मेवाती, ढूढांणी, हाड़ौती, मालवी, वागड़ी।
- राजभाषा के रूप में हिन्दी की संवैधानिक स्थिति तथा मानक हिन्दी ।
- देवनागरी लिपि की विशेषताएं तथा मानकीकरण ।
- मानक वर्णमाला,
- शब्द तथा शब्द निर्माण
- उपसर्ग,
- प्रत्यय,
- संधि,
- समास,
- वाक्य एवं वाक्य भेद,
- शब्द शुद्धि एवं वाक्य शुद्धि ।
- शब्द के व्याकरणिक प्रकार- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण,
- सम्बंधसूचक अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय ।
इकाई-2 भारतीय काव्यशास्त्र
- काव्य- परिभाषा,
- काव्य लक्षण, काव्य हेतु और काव्य प्रयोजन,
- साहित्य का स्वरूप ।
भारतीय काव्यशास्त्र–
- काव्य शास्त्र का तात्पर्य,
- रस सिद्धांत तथा साधारणीकरण रस निष्पत्ति,
- ध्वनि सिद्धांत,
- वक्रोक्ति सिद्धांत
- अलंकार सिद्धांत । अलंकार – अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक, संदेह, भ्रांतिमान, वयण सगाई, विभावना, अपन्हुति, मानवीकरण ।
- छंद- परिभाषा तथा महत्व – दोहा, चौपाई, सोरठा, उल्लाला छप्पय, कुंडलियां, गीतिका, हरिगीतिका, मंदाक्रांता द्रुतविलंबित, कवित्त ।
इकाई – 3 – पाश्चात्य काव्यशास्त्र
- प्लेटो का काव्य सिद्धान्त,
- अरस्तू का काव्य सिद्धान्त अनुकरण, विरेचन और त्रासदी;
- लौंजाइनस – उद्धात्त सिद्धान्त;
- क्रोंचे- अभिव्यंजना सिद्धान्त;
- कॉलरिज – कल्पना सिद्धान्त;
- टी.एस. एलियट – परंपरा एवं निर्वैयक्तिकता सिद्धान्त
- मार्क्सवादी साहित्य चिन्तन,
- उत्तर आधुनिकतावाद तथा विखण्डनवाद।
इकाई – 4 – आदि-मध्यकालः पाठ
- समग्र अध्ययन के लिये निर्धारित पाठ – पृथ्वीराज रासो (पद्मावती समय ) – चंदबरदाई
- कबीर ग्रन्थावली – (सं. श्यामसुन्दर दास) – आरंभिक 20 पद, साखियाँ- गुरू कौ अंग एवं विरह कौ अंग
- मीरां मुक्तावली भ्रमरगीत सार – – सं. नरोत्तमदास स्वामी (समस्त पद ) (सं. रामचन्द्र शुक्ल ) – 21 से 50 पद
- जायसी ग्रन्थावली नागमती वियोग खंड (सं. रामचन्द्र शुक्ल)
- तुलसीदास – विनय पत्रिका (सं. वियोगी हरि ) – पद सं. 137 से 161 तक
- बिहारी रत्नाकर (सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर) – आरंभिक 25 दोहे
- घनानंद कवित्त (सं. विश्वनाथप्रसाद मिश्र ) – 1 से 25 तक छंद
इकाई-5 आधुनिक कालः निर्धारित पाठ
- कामायनी – जयशंकर प्रसाद (चिंता तथा श्रद्धा सर्ग)
- राम की शक्ति पूजा सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- अंधेरे में मुक्तिबोध गोदान – प्रेमचन्द
- त्यागपत्र – जैनेन्द्र
- महाभोज (उपन्यास) 1 – मन्नू भण्डारी
- निबंध – श्रद्धा और भक्ति (रामचन्द्र शुक्ल),
- नाखून क्यों बढ़ते है (हजारी प्रसाद द्विवेदी),
निबन्ध संग्रह-
- गंधमादन (कुबेरनाथराय) से राघवः करूणो रसः ।
- कहानियाँ –
- उसने कहा था (चंद्रधर शर्मा गुलेरी)
- कफ़न (प्रेमचन्द),
- पुरस्कार (जयशंकर प्रसाद),
- रोज़ (अज्ञेय),
- परायी प्यास का सफर (आलमशाह खान),
- उजाले के मुसाहिब (विजयदान देथा ) ।
- मेरी तिब्बत यात्रा- राहुल सांकृत्यायन
Note:- Pattern of Question Paper
1. Objective type paper 2. Maximum Marks : 75
3. Number of Questions : 150
4. Duration of Paper : Three Hours
5. All questions carry equal marks.
6. There will be Negative Marking.
इकाई-1 – हिन्दी साहित्येतिहास लेखन की परंपरा और आदिकाल
- हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा काल विभाजन और नामकरण
- प्रमुख इतिहास ग्रंथों का परिचय ।
- आदिकाल – सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि,
- आदिकाल की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ-सिद्ध, नाथ एवं जैन साहित्य, रासो काव्य परंपरा एवं तत्संबंधी प्रामाणिकता का प्रश्न, प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ (सरहपाद, गोरखनाथ, चंदबरदाई, नरपति नाल्ह, अमीर खुसरो, विद्यापति)
इकाई-2 – भक्तिकाल
- भक्तिकाल – साहित्य का ऐतिहासिक और सामाजिक-सांस्कृतिक आधार ।
- भक्ति आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरूप ।
- भक्ति आंदोलन की दार्शनिक पृष्ठभूमि,
- भक्ति आंदोलन के प्रमुख संप्रदाय एवं आचार्य ।
- भक्ति आंदोलन का क्षेत्रीय वैशिष्ट्य और राजस्थान में भक्ति आंदोलन ।
- भक्ति आंदोलन एवं सामाजिक समरसता भक्तिकालीन प्रवृत्तियाँ निर्गुण भक्ति साहित्य – (कबीर, रैदास, दादू) सूफी काव्य (कुतुबन, मंझन और जायसी) कृष्ण भक्ति साहित्य ( सूरदास, नंददास और मीरा) राम भक्ति साहित्य (तुलसीदास) ।
इकाई – 3 – रीतिकाल
- रीतिकाल साहित्य की सामाजिक- सांस्कृतिक पृष्ठभूमि।
- रीतिकालीन काव्यशास्त्र ।
- रीतिकालीन साहित्य की स्रोत सामग्री वर्गीकरण – रीतिबद्ध रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं (केशवदास, मतिराम, भूषण, देव, भिखारीदास, बिहारी, पद्माकर, सेनापति, आलम और घनानंद)।
इकाई – 4 – आधुनिककालः काव्य
- आधुनिककाल की ऐतिहासिक और सामाजिक- सांस्कृतिक पृष्ठभूमि –
- 1857 का स्वाधीनता संग्राम,
- हिन्दी नवजागरण, भारतेंदु और उनका मंडल ।
- भारतेंदु युगीन हिन्दी पत्रकारिता ।
- महावीर प्रसाद द्विवेदी और सरस्वती की भूमिका
- राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा – मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, रामधारीसिंह दिनकर, श्यामनारायण पांडेय, सुभद्रा कुमारी चौहान ।
- छायावाद – पृष्ठभूमि, प्रवृत्तियां, प्रमुख कवि और रचनाएं जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा
- प्रगतिवादी काव्य – केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, शमशेर, मुक्तिबोध,
- प्रयोगवाद और नई कविता – अज्ञेय, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय, विजयदेव नारायण साही और जगदीश गुप्त । समकालीन कविता – अशोक वाजपेयी, अरूण कमल, आलोक धन्वा, लीलाधर जगूड़ी, वेणुगोपाल, नन्द चतुर्वेदी और हरीश भादानी।
इकाई – 5 – आधुनिककालः गद्य
- आधुनिक हिन्दी गद्य का विकास और भारतेंन्दु ।
- हिन्दी गद्य और महावीर प्रसाद द्विवेदी । (8 – 4)
- उपन्यास का विकास और प्रमुख उपन्यासकार ।
- हिन्दी कहानी का विकास और प्रमुख कहानीकार ।
- हिन्दी नाटक और रंगमंच का विकास।
- हिन्दी निबंध और आलोचना का विकास।
- हिन्दी की अन्य कथेतर विधाओं का विकास – जीवनी, आत्मकथा, संस्मरण-रेखाचित्र और यात्रा वृत्तांत ।
- हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिताः परम्परा और वैशिष्ट्य ।