Social Science Notes for Class 10 (सामाजिक विज्ञान)
अध्याय 1 स्वर्णिम भारत – प्रारम्भ से 1206 ई. तक
महाजनपद काल ( 600 – 325 ई.पू. )
❖ बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय के अनुसार 16 महाजनपद
❖ अफगानिस्तान में 01
❖ पाकिस्तान में 01
❖ राजस्थान में 01
❖ मध्यप्रदेश में 01
❖ बिहार में 03
❖ उत्तरप्रदेश में 08
क्रम सं महाजनपद राजधानी
1. काशी – वाराणसी
2. कोशल – अयोध्या
3. वत्स – कौशाम्बी
4. कुरु – इन्द्रप्रस्थ
5. शूरसेन – मधुरा
6. पांचाल – अहिच्छत्र
7. चेदि – शक्तिमती
8. मल्ल – कुशावती ( कुशीनारा)
9. अंग – चम्पा
10. वज्जि – विदेह और मिथिला
11. मगध – राजगृह
12. मत्स्य – विराटनगर
13. अवन्ति – उज्जयिनी
14. अश्मक – पोतन/ पाटेली
15. गांधार – तक्षशिला
16. कम्बोज – राजपुर / हाटक
राजस्थान के प्रमुख जनपद (Rajasthan ke pramukh janapad )
❖राजस्थान में जनपद शासन व्यवस्था प्राचीन में ही प्रचलित थी।
❖राजस्थान का कुछ क्षेत्र जनपद व्यवस्था में शामिल था।
❖वैदिक सभ्यता के विकास क्रम में राजस्थान में अनेक जनपदों का उदय हुआ।
❖कालांतर में जनपद महाजनपद में बदल गया।
राजस्थान के प्रमुख जनपद
1.मत्स्य जनपद
2.शिवि जनपद
3.शूरसेन जनपद
4.जांगल जनपद
1.मत्स्य जनपद
❖मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (बैराठ )
❖मत्स्य जनपद में सम्मिलित राजस्थान के क्षेत्र – अलवर , भरतपुर,जयपुर व दौसा।
❖मत्स्य जनपद पर मीणाओ का शासन था।
❖पांडवो ने मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर में अपने अज्ञातवास का अंतिम समय बिताया।
❖मत्स्य शब्द का शाब्दिक अर्थ मछली है।
2.शिवि जनपद
❖शिवि जनपद की राजधानी मध्यमिका (चित्तौड़ )
❖शिवि जनपद के अंतर्गत मेवाड़ का क्षेत्र आता था।
3.शूरसेन जनपद
❖शूरसेन जनपद की राजधानी मधुरा थी।
❖इस जनपद पर यदुवंशी शासको ने शासन किया था।
❖भगवान कृष्ण का संबंध इसी जनपद से था।
❖शूरसेन जनपद का क्षेत्र – भरतपुर, धौलपुर व करौली था।
4.जांगल जनपद
❖जांगल जनपद की राजधानी अहिच्छत्रपुर (नागौर) थी।
❖जांगल क्षेत्र के अंतर्गत बीकानेर ,जोधपुर और नागौर का क्षेत्र आता था।
❖बीकानेर के शासक स्वयं को जागलन्धर बादशाह कहते थे।