Kबौद्ध धर्म (Baudh Dharm )
Bodh Dharm GK in Hindi
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे । इन्हें एशिया का ज्योतिपुंज(Light of Asia) कहा जाता है ।
गौतम बुद्ध |
जन्म — 563 ई.पू. जन्म स्थान — लुंबिनी (कपिलवस्तु ) पिता —शुद्धोधन माता —-माया देवी सौतेली माँ—- प्रजापति गौतमी गोत्र —–शाक्य गण बचपन का नाम— सिद्धार्थ पत्नी ——यशोधरा पुत्र —–राहुल ज्ञान प्राप्ति— बोधगया प्रथम उपदेश—- सारनाथ मृत्यु —483 ई.पू. (कुशीनगर, उत्तर प्रदेश ) |
- सिद्धार्थ जब कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्हें चार दृश्यों को देखा :- बुड्ढा व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति, शव,एक संन्यासी
- सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया, जिसे बौद्ध धर्म महाभिनिष्क्रमण कहा गया है ।
- गृह त्याग करने के बाद सिद्धार्थ ने अपने प्रथम गुरु आलारकलाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की ।
- 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाखी पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे, पीपल वृक्ष के नीचे, सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ ।
- ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ, बुद्ध के नाम से जाने गए। वह स्थान बोधगया कहलाया ।
- गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया,जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है ।
- बुद्ध ने अपनी उपदेश जनसाधारण की भाषा पालि में दिए । बुद्ध ने अपने सर्वाधिक उपदेश कुशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिए ।
बौद्ध धर्म के प्रतीक :
घटना | प्रतीक |
जन्म | कमल एवं साँड |
गृह त्याग | घोड़ा |
ज्ञान | पीपल (बोधि वृक्ष ) |
निर्वाण | पद -चिन्ह |
मृत्यु | स्तूप |
- बौद्ध धर्म अपनाने वाले राजा :- बिंबिसार ,प्रसेनजित,उदयिन,सम्राट अशोक ,कनिष्क
- गौतम बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की अवस्था में 483 ई.पू. में कुशीनारा (उत्तर प्रदेश) में हो गयी, जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया ।
- बौद्ध धर्म के बारे में हमें विशद ज्ञान त्रिपिटक (विनयपिटक ,सूत्रपिटक व अभिदम्भपिटक) से प्राप्त होता है । तीनों पिटको की भाषा पालि है ।
- बुद्ध के अनुयायी दो भागों में विभाजित है –
(1) भिक्षुक :- बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जिन्होंने संन्यास ग्रहण किया, उन्हें ‘भिक्षुक’कहा गया ।
(2) उपासक :- गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए बौद्ध धर्म अपनाने वालों को उपासक कहा गया । - बौद्ध संघ में सम्मिलित होने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 15 वर्ष थी । बौद्ध संघ में प्रविष्ट होने को उपसम्पदा कहा जाता था ।
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न :
(1) बुद्ध
(2) धम्म
(3) संघ
बौद्ध सभाएँ (संगीति) :
सभा | समय | स्थान | अध्यक्ष | शासनकाल |
प्रथम | 483ई.पू. | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय | 383ई.पू. | वैशाली | सबाकामी | कालाशोक |
तृतीय | 255ई.पू. | पाटलिपुत्र | मोग्गलिपुत्त तिस्स | अशोक |
चतुर्थ | प्रथम शताब्दी | कुंडलवन | वसुमित्र/अश्वघोष | कनिष्क |
- चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्धधर्म दो भागों हीनयान और महायान में विभाजित हो गया ।
- ‘जातक’ में बुद्ध की पूर्वजन्म की कहानियां वर्णित है । हीनयान का प्रमुख ग्रंथ ‘कथावस्तु’ है , जिसमें महात्मा बुद्ध का जीवन चरित्र अनेक कथानक के साथ वर्णित है ।
बौद्ध धर्म के आर्य सत्य : 4
(1) दु:ख
(2) दु:ख समुदाय
(3) दु:ख निरोध
(4) दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपदा
बौद्ध धर्म के अष्टांगिक मार्ग :
(1) सम्यक् दृष्टि
(2) सम्यक् संकल्प
(3) सम्यक् वाणी
(4) सम्यक् कर्मान्त
(5) सम्यक् आजीव
(6) सम्यक् व्यायाम्
(7) सम्यक् स्मृति
(8) सम्यक् समाधि
- अनीश्वरवाद के संबंध में बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म में समानता है ।
- सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण गंधार शैली के अंतर्गत किया गया लेकिन बुध की प्रथम मूर्ति मथुरा कला के अंतर्गत बनी थी ।
- तिब्बत ,भूटान एवं पड़ोसी देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार पद्मसंभव ने किया । इनका संबंधित बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा से था ।
Bhut axha hai