राजस्थान का एकीकरण(rajasthan ka ekikaran)

राजस्थान का एकीकरण(rajasthan ka ekikaran)

❖ 19 रियासतें
❖ 3 ठिकाने – लावा, नीमराणा, कुंभलगढ़
❖ 1 केंद्र शासित प्रदेश – अजमेर
❖ इन्हें मिलाकर राजस्थान का एकीकरण किया गया।
❖ मेवाड़ महाराणा भूपाल सिंह राजस्थान गुजरात व मालवा की रियासतों को मिलाकर राजस्थान यूनियन बनाने का प्रयास किया था इसके लिए 25 जून 1946 सम्मेलन का आयोजन उदयपुर में किया
❖ रियासती विभाग :-
1. स्थापना – 5 जुलाई 1947
2. अध्यक्ष -वल्लभभाई पटेल
2. सचिव – वी .पी. मेनन
3. इस विभाग के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या व 1 करोड़ से अधिक आय वाली रियासत स्वतंत्र रह सकती है।
4. राजस्थान में ऐसी चार रियासतें थी :-
मेवाड़ ,जयपुर, जोधपुर, बीकानेर

RAJASTHAN KA EKIKARAN
             RAJASTHAN KA EKIKARAN

❖ भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम :-
1. 18 जुलाई 1947 को पारित
2. इस की धारा 8 के अनुसार देशी रियासत के साथ की गई अंग्रेजी संधिया समाप्त कर दी गई ।

❖ प्रथम चरण :-
1.मत्स्य संघ :- के. एम. मुंशी द्वारा नामकरण
१. धौलपुर -उदय भान सिंह – राजप्रमुख, २. करौली – गणेश पाल – उप राज प्रमुख,३. अलवर – राजधानी ,४. भरतपुर – उद्घाटन – 18 मार्च 1948 – एन.वी. गाडगिल, ५. नीमराणा

2. प्रधानमंत्री शोभाराम कुमावत (अलवर)
3. उप प्रधानमंत्री – जुगल किशोर चतुर्वेदी (भरतपुर )
4. अलवर व भरतपुर रियासत पर भारत सरकार ने पहले ही नियंत्रण कर लिया था ।
5. उदय भान सिंह ने पहले गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था।

❖ द्वितीय चरण :- राजस्थान संघ / पूर्व राजस्थान –
१. कोटा – भीम सिंह – राजप्रमुख – राजधानी – उद्घाटन – एन. वी. गाडगिल द्वारा – 25 मार्च 1948
२. बूंदी – बहादुर सिंह – वरिष्ठ उप राज प्रमुख
३. डूंगरपुर – लक्ष्मण सिंह – कनिष्ठ राजप्रमुख
४. बांसवाड़ा
५. प्रतापगढ़
६. टोंक
७. शाहपुरा – गोकुल लाल – असावा – प्रधानमंत्री
८.किशनगढ़
2. शाहपुरा व किशनगढ़ रियासतों ने अजमेर मेरवाड़ा में विलय का विरोध किया था।
3. बांसवाड़ा के चंद्र वीर सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुआ था” मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूं”।
4. डूंगरपुर का लक्ष्मण सिंह 1977 मैं राजस्थान विधानसभा का अध्यक्ष था।
5. राज. में पहली बार राष्ट्रपति शासन 1967
6. लक्ष्मण सिंह सीएम बनने वाला था ।भाई नागेंद्र सिंह (डूंगरपुर ) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दो बार न्यायधीश था।
7. नागेंद्र सिंह भारत का पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रहा।

❖ तृतीय चरण :- संयुक्त राजस्थान
राजस्थान संघ + मेवाड़

1. राजप्रमुख – गोपाल सिंह (मेवाड़ )
2. वरिष्ठ राजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा )
3. कनिष्ठ राजप्रमुख – बहादुर सिंह (बूंदी) + लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर )
4. राजधानी – उदयपुर
5. उद्घाटन – उदयपुर 18 अप्रैल 1948
6. उद्घाटनकर्ता – जवाहरलाल नेहरू
7. प्रधानमंत्री – माणिक्य लाल वर्मा
8. उपप्रधानमंत्री – गोकुल लाल असावा
9. कोटा के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

10. विधानसभा का एक अधिवेशन प्रतिवर्ष कोटा में होगा।
11. भूपाल सिंह ने 20 लाख रुपए प्रिवीपर्स की मांग की थी।
प्रिवीपर्स – 20 लाख
१. 10 लाख – औपचारिक प्रिवीपर्स
२. 5 लाख – राजप्रमुख का वेतन
३. 5 लाख – धार्मिक अनुदान

❖ चतुर्थ चरण :- व्रहत राजस्थान :-
1. राम मनोहर लोहिया ने राजस्थान आंदोलन समिति का गठन किया। तथा शेष सियासत के जल्दी विलय की मांग की।
2. संयुक्त राजस्थान :- जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर,।
3. महाराज प्रमुख – महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)
4. वरिष्ठ उप राजप्रमुख- हनुमंत सिंह (जोधपुर) + भीम सिंह (कोटा )
5. कनिष्ठ उपराज प्रमुख – बहादुर सिंह (बूंदी) + लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर)
6. राजप्रमुख – सवाई मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
7.प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री
8. उद्घाटन :- 30 मार्च 1949, जयपुर में , चैत्र शुक्ल एकम विक्रमी संवत 2006
9. उद्घाटनकर्ता – वल्लभ भाई पटेल।
10. प्रिवीपर्स – १.जयपुर – 18 लाख
२. जोधपुर – 17.5 लाख
३. बीकानेर – 17 लाख
४. जैसलमेर -1लाख 80 हजार

11. राजधानी – जयपुर :-
जयपुर व जोधपुर में राजधानी को लेकर विवाद हो गया था।अतः इसके समाधान के लिए एक समिति बनाई गई जिसने जयपुर को राजधानी बनाने की सिफारिश की ।
समिति के सदस्य – बी .आर .पटेल, टी.सी. पुरी, एस.पी. सिन्हा।
12. हाई कोर्ट – जोधपुर
13. शिक्षा विभाग – बीकानेर
14. वन एवं सहकारी विभाग – कोटा
15. खनिज विभाग – उदयपुर

❖ पांचवा चरण :- संयुक्त वृहतर राजस्थान :-
1. मत्स्य संघ + वृहत्त राजस्थान
2. 15 मई 1949 को मत्स्य संघ का विलय किया गया।
3. शोभाराम कुमावत को शास्त्री मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
4. कृषि विभाग – भरतपुर
5. मत्स्य संघ का विलय शंकरराव देव (अन्य सदस्य -प्रभु दयाल, आर.के. सिध्दवा) समिति की सिफारिश पर किया गया।

❖ छठां शरण :- राजस्थान
1. आबू व देलवाड़ा सहित 89 गांव बॉम्बे में मिलाये गये तथा शेष सिरोही राजस्थान में मिलाया गया। इसमें गोकुलभाई भट्ट का हाथळ भी शामिल था।
2. इस अनुचित विलय पर वल्लभ भाई पटेल का जवाब था “राजस्थान वालों को गोकुल भाई भट्ट चाहिए था वो हमने दे दिया।”
3. यह विलय 26 जनवरी 1950 को किया गया।
4. हमारे प्रदेश का नाम राजस्थान रखा गया।
5. हीरालाल शास्त्री को राजस्थान का पहला नाम मनोनीत मुख्यमंत्री बनाया गया।
6. राज. के मनोनीत सीएम १.हीरालाल शास्त्री २. सी. बेकटा चारी ३.जय नारायण व्यास
7. निर्वाचित सीएम – १.टीकाराम पालीवाल( सर्वाधिक सीटें कॉन्ग्रेस) इसके बाद राम राज्य परिषद
२.जय नारायण व्यास – बाद में टीकाराम पालीवाल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
३. मोहनलाल सुखाड़िया (1956 – 1971), सबसे कम उम्र का सीएम , आधुनिक राज. निर्माता ।

सातवां चरण :-
1. राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश के आधार पर :-
१. आबू व दिलवाड़ा को राजस्थान में मिलाया गया ।
२. अजमेर – मेरवाड़ा को राजस्थान में मिलाया गया।
३. मध्य प्रदेश का सुनेल टप्पा राजस्थान में मिलाया गया। तथा
४. राजस्थान का सिरोज मध्य प्रदेश को दिया गया ।

2. 1 नवंबर 1956 को राजस्थान का एकीकरण पूरा हुआ। उस समय मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ।
3. सातवें सविधान संशोधन 1956 के द्वारा राज प्रमुख का पद समाप्त कर दिया गया।
4. राजस्थान के प्रथम राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहाल सिंह।
5. 26 वें संविधान संशोधन 1971 द्वारा राजाओं की प्रिवीपर्स बंद कर दिए गए ।
6. अजमेर मेरवाड़ा :-
१. यह पहले केंद्र शासित प्रदेश था। यहां पर 30 सदस्यों की धारा सभा थी। इसके मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय थे।
२. हरिभाऊ उपाध्याय ने अजमेर मेरवाड़ा के विलय का विरोध किया था।
३. जयपुर व अजमेर में राजधानी को लेकर विवाद हो गया। इसके समाधान के लिए समिति का गठन किया गया समिति ने जयपुर को राजधानी बनाने की सिफारिश की ।

7. समिति के सदस्य :- १. सत्यनारायण राव , २. बी. विश्वनाथन, ३. बी.के. गुप्ता।
8. अजमेर को 26 वां जिला बनाया गया।
9. राजस्व विभाग – अजमेर को दिया ।
10. आबू व देलवाड़ा को राजस्थान में मिलाने के लिए मुनि जिन विजय सूरी समिति बनाई गई ।
11. इतिहासकार दशरथ शर्मा जी इस समिति के सदस्य थे ।

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