चंदवरदायी

Facebook
WhatsApp
Telegram

  • आदिकाल में वीरगाथा काव्य में लिखा गया काव्य में सबसे प्रसिद्ध काव्य पृथ्वीराज रासो को माना जाता है।
  • पृथ्वीराज रासो के रचयिता चंदवरदायी का जन्म सन 1168 ई. में लाहौर में हुआ था ।
  • चंदवरदायी दिल्ली के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के सखा और सभाकवि थे ।
  • जब मुहम्मद गौरी सम्राट पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाकर गजनी ले गया , तो वहाँ पहुंच कर चंदवरदायी ने उनकी अद्भुत बाण विद्या की प्रशंसा की।
  • संकेत पाकर पृथ्वीराज चौहान ने शब्दभेदी बाण से गोरी को मार गिराया और अपनी स्वातंत्र्य की रक्षा करने के लिए एक दूसरे को कटार मारकर दोनो ने मृत्यु को वरण किया।
  • चंदवरदायी कलम के ही धनी नही थे , रणभुमि में पृथ्वीराज के साथ ही अन्य सामन्तो की तरह तलवार चलाते थे ।
  • चंदवरदायी वीर रस की साकार प्रतिमा थे।
  • चंदवरदायी द्वारा रचित पृथ्वीराज रासो हिंदी का आदिकाव्य है।
  • पृथ्वीराज रासो में 69 समय है ।
  • कहा जाता है कि चंदवरदायी ने पृथ्वीराज रासो को अधूरा छोड़कर गजनी चले गए थे जिसे उनके पुत्र जल्हण ने बाद में पूरा किया।
  • पृथ्वीराज रासो जिस रूप में मिलता वह प्रामाणिक नही है ।
  • पृथ्वीराज रासो वीर रस प्रधान काव्य हैं। इसमे ओज गुण की दीप्ति आदि से अंत तक विद्यमान है।
  • पृथ्वीराज रासो में युद्ध वर्णन में सबसे अधिक छप्पय छंद का प्रयोग किया गया।

Leave a comment

Trending Results

Request For Post

error: Content is protected !!