क्या,कहाँ, कब और कैसे

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❖नर्मदा नदी के तट पर कई लाख वर्ष पहले से लोग कुशल संग्राहक और आखेटक के रूप में रहते थे।

❖उत्तर पश्चिम की सुलेमान और किरधार पहाड़ियों वाले क्षेत्र में आठ हजार वर्ष पूर्व स्त्री पुरुषों ने सबसे पहले गेँहू तथा जौ जैसी फसलों को उपजाना आरम्भ किया।

❖भेड़, बकरी और गाय बैल जैसे पशुओ को पालतू बनाना शुरू किया। ये लोग गाँवो में रहते थे।

❖उत्तर पूर्व में गारों तथा मध्य भारत मे विंध्य पहाड़ियों वाले क्षेत्रों में भी कृषि का विकास हुआ।

❖विंध्य के उत्तर में स्थित स्थान पर सबसे पहले चावल उपजाया गया।

❖सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे लगभग 4700 वर्ष पूर्व कुछ आरम्भिक नगर फले फुले ।

❖गंगा व इसके सहायक नदियों के किनारे तथा समुद्र तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ।

❖गंगा के दक्षिण में सोन नदी के आस पास का क्षेत्र प्राचीन काल मे मगध के नाम से जाना जाता था।

❖यह विशाल राज्य था । देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे राज्य थे।

❖दक्षिण एशिया एक महाद्वीप से छोटा है , लेकिन विशालता तथा बाकी एशिया से समुद्रों , पहाड़ियाँ तथा पर्वतों से बंटे होने के कारण इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है।

❖दक्षिण एशिया में भारत , पाकिस्तान , बांग्लादेश ,नेपाल ,भूटान तथा श्रीलंका आते हैं।

❖अपने देश के लिए हम ‘इंडिया या भारत ‘ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। इंडिया शब्द इंडस से निकला है ,जिसे संस्कृत में सिन्धु कहा जाता है ।

❖लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर पश्चिम से आने वाले ईरानियों तथा यूनानियों ने सिन्धु को हिंदोस अथवा इंडोस और इस नदी के पूर्व में स्थित प्रदेश को इंडिया कहा।

❖भरत नाम का प्रयोग उत्तर पश्चिम में रहने वाले लोगो के एक समूह के लिए किया जाता था। इस समूह का उल्लेख संस्कृत की आरंभिक कृति ऋग्वेद (3500वर्ष पूर्व) में मिलता है।

अतीत के बारे में कैसे जाने ?

पांडुलिपि – लेटिन शब्द मेनू से बना है । ताड़पत्रों या भूर्ज नामक पेड़ की छाल पर लिखा जाता है।

लिखित स्रोत – महाकाव्य , कविताएं ,नाटक आदि। संस्कृत , प्राकृत , या तमिल भाषा मे कई विदेशी व देशी विद्वानों द्वारा लिखित।

अभिलेख – पत्थर अथवा धातु आदि पर उल्लेखित शासको के आदेश , प्रसंशा ,वंशावली एवं कार्यो का विवरण विभिन्न भाषाओं और लिपियों में।

पुरातात्विक साक्ष्य – पत्थर और ईट से बनी ईमारत , चित्रों एवं मूर्तियों के अवशेष ,बर्तन ,सिक्के ,मुहरे, औजार , आभूषण आदि। जानवरों ,चिड़ियों , मछलियों की अस्थियां आदि।

❖वर्तमान अफगानिस्तान के कंधार से एक अभिलेख प्राप्त हुआ है जो अशोक के आदेश पर लिखा गया था।

❖यह अभिलेख इस क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाली यूनानी और अरामाइक नामक दो भिन्न लिपियों तथा भाषाओ में है।

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